Word's Worth
a spare thought in the spinning world...
Thursday, 5 March 2009
Sittin on a window sill...
हर खिड़की से एक टुकडा आसमान दिखता है.
एक तारा चमकता सा , जाने कहाँ , दिखता है.
उस ओर से पर देखो उस खिड़की को पलट के.
उन कई झारोंको में वो सितारा कहाँ दिखता है?
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